
समाजवादी पार्टी (सपा) की 2022 में उत्तर प्रदेश में सरकार बनी तो नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ऐलान करते हुए कहा, साल 2022 में सपा की सरकार बनने पर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर दर्ज किए गए मुकदमें वापस लिए जाएंगे. इसके साथ ही अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव 2022 में छोटे दलों को साथ लेकर चुनाव लड़ने की बात कही हैं.
अखिलेश यादव ने मंगलवार को लखनऊ स्थित सपा कार्यालय पर मीडिया को संबोधित करते कहा, छोटे दलों के लिए सपा ने अपने दरवाजे हमेशा खुले रखे हैं. यादव ने दावा किया कि वर्ष 2022 में सपा की ही सरकार बनेगी. गौरतलब है कि अखिलेश यादव की मौजूदगी में बसपा नेताओं के साथ करीब 200 समर्थक भी सपा में शामिल हो गए.
पार्टी अध्यक्ष की मौजूदगी में मशहूर शायर मुनव्वर राना की बेटी सुमैया राना समेत कई दलों के कई नेताओं ने सपा की सदस्यता ली, जिनमें गोंडा से बसपा के लोकसभा प्रत्याशी रहे मसूद आलम खां, बसपा के ही लाल चंद्र गौतम, खुदी राम पासवान समेत कई नेता और कार्यकर्ता रहे.
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि तमाम दलों के लोग सपा में शामिल हो रहे हैं. कई छोटे दल भी हमसे जुड़ना चाहते हैं इसलिए हम 2022 में छोटे दलों के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे. यादव ने कहा बीजेपी सरकार विरोध में उठने वाली हर आवाज को दबाने के लिए विरोधियों पर झूठे मुकदमे लगा रही है. यह सरकार जब तक नहीं जाएगी तब तक लोकतंत्र नहीं बच सकता.
उन्होंने कहा कि नया कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट है. सपा ने किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई है. देश में किसी भी पार्टी पर इतने मुकदमे नहीं लगे होंगे जितने सपा नेताओं पर आंदोलन के दौरान लगे. हम किसानों के लिए एक्सप्रेस-वे के किनारे जो मंडियां बना रहे थे वो इस सरकार ने बंद करवा दी. सपा अध्यक्ष ने मांग करते हुए कहा कि किसानों को दोगुनी आय के बराबर MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) दिया जाए.