अहंकारी मनुष्य को न भगवान मिलते है और न तो भगवान की कृपा । भगवान श्रीकृष्ण कहते है कि मैं न तो किसी को मारता हूँ और न किसी को बचाता हूँ, बल्कि मनुष्य अपने कर्मो का फल भोगता है।मानव जीवन प्राप्त करने के बाद जो सुकर्म करता है वह स्वर्ग को जाता है और कुकर्मी नर्क का गामी होता है ।
महानगर के शास्त्रीनगर कालोनी में स्व अभिषेक पाण्डेय की पावन स्मृति में चल रही श्रीमद्भागवतकथा में आज व्यासपीठ से वृन्दावन(मथुरा)से आये सुप्रसिद्ध कथावाचक स्वामी वसुदेवानंदन जी महाराज ने श्रद्धालुओं को उक्त कथा सुनाई। स्वामी जी ने कहा कि जिस प्रभु का आदि अंत नही है उस प्रभु को माता यशोदा के प्रेम ने बांध दिया है।गोविन्द के श्रीचरणों में अपने आपको समर्पित कर देने वाला ही मोक्ष प्राप्त करता है। भटकती हुई अतृप्त आत्माओं को इस कथा श्रवण से मुक्ति मिलती है।
कथा शुरू होने के पूर्व मुख्य यजमान कृष्ण कुमार पांडेय, सुमन पाण्डेय, श्रीमती मालती पाण्डेय, संजीव पाण्डेय, कृष्ण प्रताप पाण्डेय, अनूप पाण्डेय,राजीव पाण्डेय ने व्यासपीठ पर माल्यार्पण किया तथा श्रीमद्भागवत महापुराण का विधिवत पूजन किया।अंत मे उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व राज्यमन्त्री डॉ के सी पाण्डेय और सौरभ पाण्डेय ने श्रद्धालुओं के प्रति आभार व्यक्त किया ।कल रविवार को सुबह नौ बजे से हवन-पूजन और विशेष प्रवचन होगा।