
केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध लगातार जारी है. किसान बीते दो महीने से इतनी भीषण ठंड के बावजूद खुले में बैठे हुए हैं और सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं और इन्हें वापस नहीं लिया जाएगा.किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है, किसानों की ओर से गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली निकालने का एलान कर दिया गया. पहले तो सरकार ने इस रैली को रोकने की बहुत कोशिश की मगर अंत में उसे किसानों के आगे झुकना पड़ा और ट्रैक्टर रैली की इजाजत देनी पड़ी.एक तरफ सरकार ने किसानों को ट्रैक्टर रैली निकालने की इजाजत दी तो दूसरी तरफ ज्यादा किसान इसमें न पहुंच पाएं इसके लिए तरह तरह के जतन शुरू कर दिए गए हैं. पश्चिम यूपी के किसानों का आरोप है कि सरकार ने पेट्रोल पंप मालिकों को ट्रैक्टर या बोतल में तेल न देने का आदेश दिया है.
कुछ पेट्रोल पंपों पर बाकायदा इस तरह के पोस्टर भी लगे थे जिनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुई. जब किसानों ने भाकियू नेता राकेश टिकैत को इस बाबत जानकारी दी तो उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को सख्त लहजे में चेतावनी दे डाली.राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार क्या चाह रही है, उन्हें लगता है कि डीजल न देने से ट्रैक्टर दिल्ली नहीं आ पाएंगे. सरकार ये गलतफहमी न पाले. उन्होंने कहा कि लगता है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी एक आंदोलन करवाने के मूड में है.राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी सरकार के साथ भी हमारी कई समस्याएं हैं. गन्ने का भुगतान नहीं हो रहा है और न ही उसका समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा कि हमने ही सरकार को ज्यादा वोट देकर मजबूत कर दिया है और वो अब हमको ही सींग मारने लगे हैं. टिकैत ने कहा कि अब किसान अपनी मांगों को मनवाए बिना घर वापस नहीं जाएगा.