भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने भाषण में ज़िक्र किया कि केंद्र सरकार लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र (Minimum Legal Age of Marriage) पर सोच रही है और इसके लिए एक कमेटी की रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है. महिला एवं बाल कल्याण विकास मंत्रालय ने एक टास्क फोर्स (Task Force) इस मुद्दे पर विचार के लिए बनाई है. इस बारे में विचार करने के पीछे क्या मकसद है?
ताकि मौतें कम हो सकें
अस्ल में शिशु को जन्म देते वक्त होने वाली मौतों का अनुपात (MMR) कम किए जाने के साथ ही माता और शिशु को बेहतर पोषण उपलब्ध करवाए जाने के लिहाज़ से यह विचार किया जा रहा है. माना जा रहा है कि लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र को बढ़ाकर 21 साल किया जा सकता है ताकि इन दोनों मोर्चों पर बेहतर नतीजे मिल सकें.
आंकड़ों की मानें तो भारत में MMR में कुछ कमी देखी गई. 2014-2016 के बीच प्रति 1 लाख जन्म पर 130 मौतें हुईं जबकि 2015-2017 के बीच प्रति एक लाख जन्म पर 122 मौतें. यानी करीब 6.2 फीसदी की कमी देखी गई और अब इसे और कम किए जाने की कोशिश की जा रही है.
क्या कहते हैं कानून?
हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के सेक्शन 5(iii) के तहत शादी की न्यूनतम उम्र लड़कियों के लिए 18 और लड़कों के लिए 21 तय है. वहीं, स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 और बाल विवाह एक्ट 2006 के तहत भी यही उम्र तय है. इस बारे में एक रिपोर्ट की मानें तो सरडा एक्ट में 1978 में जज हरबिलास सरडा ने 1929 के बाल विवाह निषेध एक्ट में संशोधन के तहत यह उम्र तय कर दी थी.
दुनिया में क्या है शादी की सही उम्र?
भारत में इस बारे में लड़कियों की न्यूनतम उम्र 18 से 21 जाने पर विचार किया जा रहा है, तो यह जानना दिलचस्प है कि दुनिया भर में इस सिलसिले में क्या कायदे हैं. यूनाइटेड नेशन्स पापुलेशन फंड के मुताबिक साल 2010 में महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होने के नियम 158 देशों में थे. यानी इन देशों में 18 साल की लड़कियों को शादी का कानूनी अधिकार हासिल था.
हालांकि 146 देशों, राज्यों या कस्टमरी में कानूनों के मुताबिक 18 साल से कम उम्र की लड़कियां अभिभावकों का या अन्य आधिकारिक सहमतियों से भी शादी कर सकती हैं. दूसरी तरफ, लड़कों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 180 देशों में 18 साल तय है.
एशियाई देशों में क्या है स्थिति?
अस्ल में, शादी के लिए न्यूनतम उम्र को तीन वर्गों में समझा जाता है. पहला यह कि कोई लड़की किस उम्र में अपनी इच्छा से शादी करने के लिए स्वतंत्र है, दूसरा वर्ग कि अभिभावकों की मर्ज़ी से किस उम्र में लड़की की शादी की न्यूनतम उम्र क्या है और तीसरे, कानूनी सहमति से क्या उम्र है.
मोटे तौर पर देखा जाए तो एशियाई देशों में इन तीन वर्गों में उम्र को लेकर फर्क अन्य महाद्वीपों की तुलना में ज़्यादा देखा जाता है. आम तौर से शादी के लिए 15 से लेकर 21 साल की उम्र लड़कियों की न्यूनतम तय है. वहीं, ईरान में अभिभावकों और कानूनी सहमति से लड़कियों के लिए न्यूनतम उम्र 13 साल भी है. दूसरी तरफ, चीन, नेपाल, ताईवान में न्यूनतम उम्र 20, हॉंगकॉंग, सिंगापुर, फिलीपींस और मलेशिया में 21 साल तय है.