
प्रदेश में कई जिलों में यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी की शिकायतों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को साफ कहा कि सरकार ने पर्याप्त मात्रा में खाद की व्यवस्था की है।उन्होंने अफसरों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसानों को समय से खाद मिलती रहे। कहीं भी खाद की कालाबाजारी न होने पाए। किसानों की दिक्कतों को देखते हुए सीएम ने सख्त निर्देश दिया कि कहीं भी खाद की कालाबाजारी हो तो इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाए।
सीएम के निर्देश पर कालाबाजारी पर अंकुश के लिए कड़े कदम उठाते हुए खाद लेने के लिए आधार संख्या देना अनिवार्य कर दिया गया है। डीबीटी पोर्टल पर वास्तविक खरीदार का नाम दर्ज किया जाएगा। अगर किसी आधार संख्या जारी ही नहीं हुई होगी, तभी खाद के लिए उसके कोई अन्य पहचान पत्र पर विचार होगा। इसका पूरा रिकॉर्ड रखना होगा।
अपर मुख्य सचिव, कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने सभी डीएम को कड़े निर्देश जारी करते हुए कहा कि प्रदेश में 99.9 प्रतिशत किसानों के पास आधार कार्ड है। इसलिए खाद खरीदने पर आधार संख्या दर्ज किए जाने से यह पता चल जाएगा कि किसी किसान ने कब और कितनी खाद खरीदी।
अधिकतम 5 से 8 बैग ही ले सकेगा एक किसान
जमाखोरी, कालाबाजारी और अधिक दाम पर बिक्री पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए विक्रेताओं का रिकॉर्ड लगातार चेक किया जाएगा। धान की टॉप ड्रेसिंग के लिए एक किसान को अधिकतम 5 से 8 बैग यूरिया ही दी जाएगी। रकबे के आधार पर इससे कम खाद की जरूरत होगी, तो उतना ही खाद दिया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि खाद के साथ जबरन अन्य उत्पादों की टैगिंग कर बिक्री न हो।
हर बैग का रखना होगा हिसाब
सभी विक्रेताओं और सहकारी समितियों को रिकॉर्ड दुरुस्त रखने का निर्देश दिया गया है। किसान का ब्योरो चढ़ाए बिना खाद देने पर वे सीधे जिम्मेदार माने जाएंगे। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।