2002 का चुनावी माहौल और गोरखपुर में एक अलग बगावती राजनीति सामने आ रही थी।। गोरखपुर के क्षत्रप कहे जाने वाले शिव प्रताप शुक्ल के सामने हिन्दू महासभा के टिकट पर लड़ रहे डाक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल चुनाव चिन्ह कुर्सी और कुर्सी का ऐसा जलवा चला तब से लेकर अब तक डाक्टर साहब की कुर्सी कोई टस से मस नही कर पाया।। यहां तक कि जिसने कुर्सी पर बैठाया वो भी हल्की कोशिश किये पर जड़ मजबूत देख ज्यादा जोर ना दे पाए।। एक साधारण छवि पैंट शर्ट और एक साधारण गाड़ी यही इस विधायक की पहचान है।।
कहा जाता है 2017 से पहले के जितने भी विकास कार्य हुए उसमे डाक्टर राधा मोहन की बतौर विधायक अहम भूमिका रही है।। पर 2017 जब अपनी जननी पार्टी की सत्ता आयी तब से डाक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल व अधिकारियों से हर कुछ दिन पर दो-दो हाथ हो ही जाता है।। चुकी डाक्टर राधामोहन शहर में हो रहे हर निर्माण कार्य पर पैनी नजर रखते है साथ ही जहा कार्य मे गुणवत्ता में कमी दिखी डाक्टर साहब अधिकारियों की क्लास लगाने पहुच जाते।। अधिकारियों और ठेकेदारों में इनका एक अलग खौफ है।।कुछ दिन पूर्व ही एक कार्यकर्ता के रिश्तेदार की हत्या हो गयी थी।। जिसकी शिकायत स्थानीय कार्यकर्ता ने डाक्टर राधामोहन से की जिसके तुरन्त बाद विधायक राधा मोहन ने अपर मुख्य सचिव को फोन लगाया फोन ना उठने पर विधायक जी का गुस्सा सातवें आसमान पर और दनादन ट्वीटर पर अधिकारी के खिलाफ लिखना शुरू कर दिया।। आनन फानन में अधिकारी ने फोन उठाया और केस का पटाक्षेप हुआ।।

डाक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल का कहना है जनता ने मुझे रिकार्ड बहुमत से जीता कर भेजा है।। अगर मैं जनता की सेवा नही कर सकता तो भाड़ में जाये ऐसी राजनीति।।इससे स्पष्ट होता है कि डॉक्टर साहब इस पंक्ति को चरितार्थ करने में लगे है कि अगर सच कहना बगावत है तो मैं बागी हु।।क्योंकि इनके इस विरोधाभास से शहर में तमाम चर्चाओं को हवा मिल गई है।।
अभी तीन दिन पूर्व की घटना है जहाँ डाक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल व सांसद रवि किशन एक अधिकारी को लेकर आमने सामने हो गए।। विधायक राधा मोहन दास ने उप मुख्यमंन्त्री केशव प्रसाद मौर्य को ज्ञापन दे कहा पीडब्लूडी के सहायक अभियंता के लापरवाही के कारण देवरिया रोड के मोहल्ले वासी को जलभराव का सामना करना पड़ रहा।।उपमुख्यमंत्री ने तत्काल संज्ञान में ले अधिकारी को हटा दिया।।वही दूसरी ओर सांसद जी ने एक पत्र डिप्टी सीएस को दागा जिसमे उन्होंने कहा देवरिया रोड के निर्माण कार्य की समस्त जानकारी सहायक अभियंता को है इसलिए उन्हें नही हटाना चाहिए।। फिलहाल यह मल्ल युद्ध चल ही रहा था की अब गोरखपुर जिले के चार अन्य विधायक भी पक्ष में आ गए और अधिकारी को नही हटाने की मांग की।। फिलहाल अभी तक कोई हल नही निकल पाया है।।वर्तमान समय मे इंजीनियर साहब हटा दिए गए ।।।
डाक्टर राधा मोहन का कहना है कि न मैं किसी से एक पैसा लिया है न दिया है जनता जिताई है तो जनता के लिए खड़ा रहूंगा।। खराब घटिया कार्य वालो को बक्सा नही जा सकता।। एक ईमानदार सरकार में बेईमान अफसर शाही की कोई जगह नही।।अकेले मुख्यमंत्री क्या क्या देखेंगे हम अपने जिम्मदारी का पालन कर रहे।।