महराजगंज के इस गांव में फ्रांसिसी परिवार ने लॉकडाउन के दौरान पांच महीने गुजारे। इस दौरान गांववालों के साथ वे काफी घुलमिल गए थे।फ्रांस के टूलूज शहर से पिछले साल जुलाई में 24 देशों के भ्रमण पर निकला यह फ्रांसीसी परिवार पहली मार्च को पाकिस्तान से बाघा बार्डर होते हुए भारत पहुंचा था। परिवार को भारत के अलग-अलग स्थानों का भ्रमण करने के बाद नेपाल जाना था लेकिन उसके पहले ही कोरोना संक्रमण के कारण भारत और नेपाल दोनों देशों में लॉकडाउन हो गया। सीमा सील होने के कारण वे नेपाल नहीं जा सके तो महराजगंज के पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोल्हुआ उर्फ सिहोंरवा स्थित एक मंदिर में रूक गए।इस मंदिर में ही पिछले पांच महीनों से उनकी रिहाईश थी। इस दौरान वे गांववालों के साथ भारतीय संस्कृति और परिवेश में पूरी तरह घुल-मिल गए थे। पिछले दिनों परिवार ने महराजगंज के डीएम से मिलकर उत्तराखंड जाने के लिए इजाजत मांगी थी।जाने से पहले पैट्रीस पैलेरस ने कहा कि भारत और महराजगंज का यह गांव उन्हें बहुत अच्छा लगा। कोरोना संक्रमण काल के दौरान भी लोगों ने यहां उनके परिवार की बड़ी मदद की। यहां रहने के दौरान कभी ऐसा नहीं लगा कि वे दूसरे देश में हैं। लोग बहुत अच्छे हैं। उन्होंने कहा कि वह आगे भी मौका मिलने पर यहां आना चाहेंगे और जरूर आएंगे भी। पैट्रीस पैलेरस ने बताया कि परिवार बुधवार की रात गोरखपुर के एक होटल में रूकेगा। वहां से गुरुवार को डेंगू से पीड़ित रही ओफली पैलेरस का स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद दिल्ली के लिए रवाना होगा। इसके बाद परिवार उत्तराखंड जाएगा। नेपाल सीमा खुलने के बाद परिवार नेपाल भ्रमण के लिए जाएगा।
