यूपी ग्राम पंचायत चुनाव 2021 की आरक्षण नीति का इंतजार आज संभवत खत्म हो सकता है । उम्मीद है कि यूपी सरकार आज आरक्षण नीति जारी कर दे। उत्तर प्रदेश शासन प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य चुनाव के लिए चक्रानुक्रम आरक्षण की व्यवस्था को आगे बढ़ा सकता है। बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के निर्वाचन क्षेत्रों के आरक्षण में जरूर कुछ बदलाव किया जा सकता है। यूपी पंचायत चुनाव 2021 में 57207 प्रधान चुने जाएंगे। 25 दिसंबर को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो चुका है।यूपी पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर काफी दिनों से मंथन चल रहा है। ग्राम पंचायतों में इस बार चक्रानुक्रम में आरक्षण को आगे बढ़ाया जाएगा। वर्ष 2015 में ग्राम पंचायतों में चक्रानुक्रम से शुरुआत की गई थी।
दूसरे वर्ग को मिलेगा आरक्षण:- यूपी ग्राम पंचायत चुनाव 2021 में आरक्षण की व्यवस्था में यह बदलाव होगा कि साल 2015 में यदि किसी ग्राम पंचायत में प्रधान पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था तो इस चुनाव में किसी दूसरे वर्ग को आरक्षित किया जाएगा।
पिछला आरक्षण किया जाएगा दर्ज:- आरक्षण के लिए प्रत्येक ब्लॉक में अनुसूचित जाति, पिछड़े और सामान्य वर्ग की आबादी अंकित करते हुए ग्राम पंचायतों की सूची अकारादि (अ, आ, इ, ई…) क्रम में बनाई जाएगी। इसमें अंकित किया जाएगा कि वर्ष 1995 में कौन की ग्राम पंचायत किस वर्ग के लिए आरक्षित थी।

गिरते क्रम में आवंटित होगी:- एससी और पिछड़े वर्ग के लिए प्रधानों के आरक्षित पदों की संख्या उस ब्लॉक में अलग-अलग पंचायतों में उस वर्ग की आबादी के अनुपात में गिरते हुए क्रम में आवंटित की जाएगी।
बदल जाएगा आरक्षण फार्मूला:- नए फार्मूले में बीडीसी व जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के आरक्षण में भी चक्रानुक्रम लागू हो सकता है लेकिन शर्त रखी जा सकती है कि जो निर्वाचन क्षेत्र 1995 से 2015 के बीच एससी या ओबीसी के लिए आरक्षित रहा है, उसे इस बार उनके लिए आरक्षित नहीं किया जाएगा। जिला पंचायतों के अध्यक्ष पद पर आरक्षण संबंधी कार्यवाही शासन करेगा।
डीएम के जिम्मे भारी जिम्मेदारी:- सूबे के सभी 75 जिलाधिकारियों को जिलावार प्रमुखों और विकास खंडवार प्रधानों के आरक्षित पदों की संख्या शासन व निदेशालय स्तर से तय करके उपलब्ध कराई जाएगी। क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के आरक्षित पदों, विकासखंडवार ग्राम पंचायतों के प्रधानों के आरक्षित पदों और तीनों स्तर की पंचायतों में आरक्षित वार्डों के आवंटन की कार्यवाही डीएम करेंगे।