
केंद्र की मोदी सरकार ने एक ही झटके में इस्लामिक कट्टरपंथियों को करारा जवाब देते हुए ‘हलाल’ शब्द को हटा दिया है। APEDA यानी ‘कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority)’ ने अपने रेड मीट मैनुअल में से हलाल शब्द को ही हटा दिया है इसके बिना ही दिशा निर्देश जारी किए हैं।
APEDA ने अपने ‘फूड सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम’ में बदलाव किया है। पहले इसमें लिखा हुआ करता था कि जानवरों को ‘हलाल’ प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करते हुए जबह किया जाता है, जिसमें इस्लामी मुल्कों की ज़रूरतों को ध्यान में रखा जाता है। लेकिन अब पासा बिल्कुल पलट गया है अब इसकी जगह लिखा गया है, “मीट को जहाँ आयात किया जाना है, उन मुल्कों की ज़रूरतों के हिसाब से जानवरों का जबह किया गया है।”
पेज 30 पर जहाँ पहले लिखा था, “इस्लामी संगठनों की मौजूदगी में जानवरों को हलाल प्रक्रिया के तहत जबह किया गया है। प्रतिष्ठित इस्लामी संगठनों के सर्टिफिकेट लेकर मुस्लिम मुल्कों की जरूरतों का ध्यान रखा गया है”, वहाँ अब लिखा है, “आयातक देश के ज़रूरतों के अनुसार जानवरों को जबह किया गया है।” पेज संख्या 35, 71 और 99 पर भी बदलाव किया गया है।
- हलाल शब्दकोश लिखकर सोशल मीडिया पर हमेशा बवाल मचता रहता है। करीब 6 महीने पहले भी सोशल मीडिया पर सरकारी दस्तावेजों में हलाल शब्द को लेकर भारत में बवाल मचा था। जिसके बाद सरकारी विभाग ने इस मामले को लेकर सफाई दी थी। लेकिन अब विभाग ने इस शब्द को हटाकर झंझट को खत्म कर दिया है।