
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शुक्रवार को हरतालिका तीज मनाई जाएगी। मान्यता अनुसार इस व्रत को रखने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हरतालिका तीज में भगवान शिव और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। महिलाएं जिस त्याग-तपस्या से यह व्रत रखती हैं, वह बेहद अनुपम है। यह कठिन व्रत है। इस व्रत में फलाहार का सेवन तो दूर, सुहागिनें जल तक का सेवन नहीं करती हैं। व्रत के दूसरे दिन स्नान- पूजन के बाद व्रत का पारण किया जाता हैं।
व्रत, पूजन का मुहूर्त
पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार इस वर्ष तृतीया तिथि का अभाव नहीं है, इसलिए पूजन दिन में और सायंकाल प्रदोष बेला में संपन्न किया जा सकता है। लेकिन सर्वोत्तम मुहूर्त इस प्रकार है।
- लाभ एवं अमृत बेला: सुबह 7:25 बजे से 10:28 बजे तक।
- शुभ बेला : दिन में 12 बजे से 1:32 बजे तक।
- चर बेला : सायंकाल 4:32 बजे से सूर्यास्त 6:23 बजे तक।
- लाभ और अमृत बेला : सूर्यास्त के बाद रात्रि 9:15 बजे तक सर्वोत्तम है।
इस व्रत का पारण द्वितीय दिन चतुर्थी तिथि में किया जाता है। शनिवार को प्रात: काल चतुर्थी तिथि विद्यमान है। सूर्योदय के पश्चात काल बेला होने से 7:12 बजे के पश्चात और 8:50 बजे के अनंतर पारण का उत्तम समय है।
ऐसे करें पूजा
पंडित बृजेश पांडेय के अनुसार सुहागिनें सूर्योदय से पूर्व ही जग जाती हैं। स्नान के बाद शृंगार करती हैं। पूजन के निमित्त केले के पत्ते से मंडप बनाकर उसमे गौरी-शंकर और गणेश जी की मूर्ति या चित्रमयी प्रतिमा स्थापित करके पूजन करती हैं। पूजन में गणेश जी के लिए मोदक (लड्डू) और भगवान शिव के लिए नैवेद्य के साथ वस्त्र एवं माता पार्वती के लिए भोग पदार्थों के अतिरिक्त सुहाग की वस्तु अर्पित की जाती है। सायंकाल पुन: प्रदोष बेला तथा रात्रि में पूजन और आरती संपन्न की जाती है। इस दिन रात्रि में भजन-कीर्तन करते हुए रात्रि जागरण किया जाता है। शिव-पार्वती के विवाह की कथा सुनी जाती है। यदि व्रती महिला गंभीर रोगी होती है तो उसके पति या किसी अन्य प्रतिनिधि को इस व्रत को रखने का विधान है।
महिलाओं ने की खरीदारी
हरतालिका तीज के मद्देनजर बृहस्पतिवार को सुहागिन महिलाओं ने पूजन एवं शृंगार के सामग्रियों की खरीदारी की। इस दौरान शहर के गोलघर, असुरन चौक, गोरखनाथ, आर्यनगर, रेती चौक, घंटाघर, मोहद्दीपुर, बशारतपुर, धर्मशाला, रुस्तमपुर आदि बाजारों में महिलाओं की भीड़ देखने को मिली। वहीं कुछ महिलाएं मेंहदी लगवाते हुए भी नजर आईं। इस दौरान बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता हुआ नहीं दिखा।