गोरखपुर के आज़ाद को मिलेगा स्वामी विवेकानन्द यूथ अवार्ड
देश-विदेश में उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करने वाले आज़ाद को अब स्वामी विवेकानन्द यूथ अवार्ड मिलने जा रहा है इसकी आधिकारिक घोषणा हो चुकी है ।यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले आजाद यूपी के 10 होनहारों में से एक हैं ।

आज़ाद बताते हैं कि, 20साल की उम्र में एक सड़क दुर्घटना में उनका सर क्षतिग्रस्त हो गया । लम्बे इलाज के बाद जब वे स्वस्थ हुए तो इस नवजीवन को भगवान का दिया हुआ दूसरा जन्म मानकर उन्होंने सोचा कि उन्हें कोई ऐसा कार्य करना है जिससे समाज शहर प्रदेश और देश का नाम ऊंचा हो और वे युवाओं के प्रेरणास्त्रोत बन सके, फिर दिन और रात क्या, उन्होंने सड़क, स्टेशन, बाजारों स्टेशन, प्लेटफार्मों पे बेसहारा बच्चो व मानसिक रोगियों को समर्पित कर दिया खुद का नवजीवन।

समाज सेवी श्रीकृष्ण “आज़ाद”
को 12 जनवरी को स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर विवेकानन्द यूथ अवार्ड देकर सम्मानित किया जाएगा। उनको यह अवार्ड लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देंगे। आज़ाद को अवार्ड देने का निर्णय शासन स्तरीय कमेटी ने लिया है। इसकी जानकारी युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल विभाग, गोरखपुर द्वारा दी गई है। अब कागजी कार्रवाई पूरी की जा रही है।

17जनवरी 1986 को जन्मे आज़ाद मूलतः गोरखपुर के कम्पियरगंज तहसील अंतर्गत मूसाबर में पिता लाल जी पाण्डेय , मां आशा पाण्डेय, बड़े भाई श्रीराम पाण्डेय और पत्नी अनामिका राय के साथ रहते हैं। परास्नातक की पढ़ाई पूरी कर चुके आज़ाद जिले के अधिकतर अभियानों, स्वच्छ्ता अभियान आदि में भी महत्वपूर्व भूमिका अदा करते हैं।
ऐसे शुरू हुआ समाज सेवा का सफर
आज़ाद बताते हैं कि 20साल के उम्र में जब एक एक्सीडेंट में लंबे समय काल के लिए बीमार हुए और कुछ लोग तो इन्हें पागल भी कहने लगे तो खुद पे बीते इसी दर्द ने उनके अंदर समाजसेवा का जुनून पैदा कर दिया। जिसके आगे बड़ी बड़ी अड़चनें छोटी होती चली गई ।

सैकड़ों लावारिश लोगों की जिंदगी बदल चुके हैं
जिला प्रशासन के सहयोग से और खुद की टीम के साथ सड़े गले, बीमार सैकड़ों लोगों को टीम के सहयोग से उठाकर लाते हैं। उनकी साफ सफाई, बाल कटाई, कपड़ा बदलना इत्यादि खुद करते हैं और फिर डॉ अमित शाही के इलाज के साथ उनको घर भेजते हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित लखनऊ में जनवरी 2020 में आयोजित 23वां राष्ट्रीय युवा उत्सव में आज़ाद गोरखपुर का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
कोरोना में कृष्णभोग अभियान
कोरोना काल मे जब सारा देश घरों में कैद था तब आज़ाद तमाम समस्याओं से लड़ते हुए 2लाख से ज्यादा भोजन थाली अपने मित्रों से सहयोग लेकर बाटें।
ज्ञात हो कि श्रीकृष्ण पांडेय इसके पूर्व भी प्रांतीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं।
श्रीकृष्ण पांडेय ने सामाजिक स्तर पर बाल भिक्षा वृत्ति, बाल नशामुक्ति और मानसिक दिव्यांगों को लेकर व्यापक अभियान चलाया है। वे दो बार गोरखपुर से लखनऊ तक बालभिक्षामुक्ति साइकिल जागरूकता यात्रा भी निकाल चुके हैं।