अयोध्या. राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद (Ram Janambhoomi and Babri Mosque Dispute) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. इस फैसले से एक शख्स बेहद उत्साहित दिखाई दिए, जो 30 साल पहले ही राम मंदिर के भव्य स्वरूप का खाका खींच चुके थे. ये हैं चंद्रकांत भाई सोमपुरा (Chandrakant Bhai Sompura). अयोध्या (Ayodhya) से 1,384 किलोमीटर दूर गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद में बैठे चंद्रकांत भाई सोमपुरा वो शख्सियत हैं, जिन्होंने राम मंदिर का डिजाइन (Ram Temple Model) तैयार किया है. उनके ही बनाए गए मॉडल को दर्शन के लिए अयोध्या के कारसेवकपुरम में रखा गया है. यह जगह विश्व हिंदू परिषद (VHP) का मुख्यालय है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चंद्रकांत भाई अब मंदिर निर्माण को लेकर खासा उत्साहित हैं.
चंद्रकांत भाई सोमपुरा- करीब पचास फीसदी पत्थरों की तराशी का काम पूरा हो गया है. यदि मंदिर बनाया जायेगा तो जितने पत्थर अभी तैयार हैं उनसे निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा और दूसरी तरफ बाकी पत्थरों की तराशी का काम चलता रहेगा.
चंद्रकांत भाई सोमपुरा- जब हमने मंदिर का मॉडल तैयार किया था तब पत्थरों की कीमत आज के मुकाबले बहुत कम थी. तब पचास रूपये प्रति वर्ग फुट पत्थर मिलता था लेकिन, अब उसी पत्थर की कीमत पांच सौ रूपये प्रति वर्ग फुट हो गया है और वो भी मुश्किल से मिल रहा है. जितना लंबा और चौड़ा पत्थर लेते हैं उतनी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है. साथ ही बड़े आकार के पत्थरों का मिलना भी मुश्किल हो गया है. इनका मिलना इस बात पर निर्भर करता है कि खदान से कब लंबे और चौड़े पत्थर मिलें.