उत्तर प्रदेश सरकार ने बुद्ध-कबीर-गोरखनाथ यात्रा की शुरुआत की है जो 23 से 25 फरवरी 2021 को आयोजित की जा रही है.

इस सम्बंध में आईपीएस विनोद मल्ल ने अपने फेसबुक एकाउंट के माध्यम से लिखा कि
बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी..
कहते हैं कि कोई भी काम लगन से किया जाए तो मुश्किलें जरूर आ सकती हैं, लेकिन रास्ता भी अपने आप बनता जाता है. जरूरत होती है सिर्फ अपने और अपने सिद्धांतों में यकीन रखने की .
वर्ष 2018 में मैने और मेरे कुछ मित्रों ने बुद्ध से कबीर तक यात्रा की शुरुआत की थी. यह एक अत्यंत विनम्र प्रयास था. हममे से करीब 15-20 लोगों ने मिलकर कुशीनगर से गोरखपुर होते हुए मगहर तक बुद्ध से कबीर तक यात्रा का आयोजन किया. लोग जुड़ते गए यात्रा का संदेश फैलता गया और आम लोगों ने सोचा कि कुछ खूबसूरत चीज हमारे बीच में आई है .
जब हमने बुद्ध से कबीर तक यात्रा का विचार किया था तो सोचा भी नहीं था कि यह विचार इतना दूर तक जाएगा. भारत की विविधता, समता और स्वतंत्रता की परंपरा तथा एक धर्मनिरपेक्ष राज्य की परिकल्पना एवं संवैधानिक राष्ट्रवाद को मजबूत करने के लिए यह प्रयास शुरू हुआ था. 2018, 2019 तथा 2020 में हुई यात्राओं तथा पूरे भारत, खास करके पूर्वांचल के शैक्षणिक संस्थानों मे, सामाजिक पटलों पर बुद्ध से कबीर तक की विचारधारा फैलती गई. तदनंतर में इसमें एक बैंड की स्थापना हुई. अलग-अलग शहरों से तथा क्षेत्रों से लोग इसमें जुड़ते गए और कारवां आगे बढ़ता गया. कोविड के दौरान कई सारे विश्वविद्यालयों और सामाजिक संस्थानों के साथ हमने ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किए. आज हिंदुस्तान के अलग-अलग हिस्सों में बहुत सारे लोग बुध से कबीर तक की विचारधारा और कार्य से परिचित हो चुके हैं .
आज यह बताते हुए मुझे खुशी हो रही है कि इस विचारधारा और कार्यशैली से प्रेरित होकर उत्तर प्रदेश सरकार ने बुद्ध-कबीर-गोरखनाथ यात्रा की शुरुआत की है जो 23 से 25 फरवरी 2021 को आयोजित की जा रही है. इस कार्यक्रम के लिए मेरी बहुत सारी शुभकामनाएं. मैं उम्मीद करता हूं कि बुद्ध और कबीर के प्रेम, शांति, समता और धर्मनिरपेक्षता के संदेश को समाज मे पहुंचाने के लिए अत्यंत उपयोगी होगी .
साथ ही साथ तर्क पर आधारित समाज की रचना तथा शोषण युक्त कर्मकांड की व्यवस्था से समाज को मुक्त करने में मदद मिलेगी. संस्कृति और धर्म को समाज के आम आदमी से जोड़कर संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करना बुद्ध से कबीर तक का लगातार प्रयास रहा है और किसी भी ऐसे प्रयास का वह समर्थन करता है. उत्तर प्रदेश सरकार के इस प्रयास को शुभकामनाएं. साथ ही साथ यह भी उम्मीद करता हूं कि इसमें पूर्वांचल के स्थानीय कलाकारों को यथा योग्य स्थान मिलेगा जिससे हमारी गौरवशाली परंपरा को समृद्ध किया जा सके.
उन्होंने विशेष तौर पर बताया कि “”मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि बुद्ध से कबीर तक ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम, इस कार्यक्रम से स्वतंत्र रूप से आप सब के सहयोग से अपने विनम्र स्वरूप मे अपने सिद्धांतों को मजबूत करता हुआ चलता रहेगा. इस साल भी बुद्ध से कबीर तक यात्रा फरवरी/ मार्च में आयोजित की जाएगी.””