
अरुणाचल प्रदेश में जदयू के छह विधायकों को तोड़कर सीधे-सीधे भाजपा में शामिल कराए जाने की बात जदयू को टीस रही है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने आज मंगलवार (29 दिसंबर) को कहा कि अरुणाचल का अनुभव जदयू के लिए अच्छा नहीं। यह गठबंधन की भावना के खिलाफ है और इसका असर जदयू के मन पर पड़ा है। अपने आवास में एक बातचीत के क्रम में उन्होंने यह बात कही।
सरकार में शामिल करने की बजाय विधायकों को तोड़ना अच्छा नहीं
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जदयू ने तो यह कह रखा था कि हम अरुणाचल प्रदेश में सरकार में शामिल हो सकते हैं । पूरी तरह से तैयार थी पार्टी। हम साथ देने की बात कर रहे थे और भाजपा ने विधायकों को ही साथ कर लिया। ऐसी कौन सी जरूरत पड़ गई कि भाजपा ने ऐसा कर दिया । उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात नहीं है।
भाजपा ने भावना नहीं समझी
बशिष्ठ नारायण सिंह ने आगे कहा कि 15 वर्षों से बिहार में जदयू और भाजपा का गठबंधन है और यहां किसी मसले पर कोई खटपट नहीं हुई। सीएम नीतीश कुमार ने हमेशा गठबंधन धर्म का पालन किया है। इस भावना को समझा जाना चाहिए। जिस तरह का घटनाक्रम अरुणाचल प्रदेश में हुआ उसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
राजद के ऑफर को ठुकराया
राजद के नीतीश कुमार को दिए ऑफर पर वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि राजद विधान सभा चुनाव में अपनी हार पचा नहीं पा रहा है। तेजस्वी को सीएम बनाने और नीतीश कुमार को पीएम बनाने का ऑफर हड़बड़ी और जल्दबाजी में दिया गया ऑफर है। राजद को नसीहत दी कि विपक्ष धर्म का पालन करें।