
सेना में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार भर्ती प्रक्रिया में शामिल कराने के लिए रेलवे स्टेशन से लेकर चक्कर मैदान तक दलाल सक्रिय हैं। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के करीब डेढ़ सौ युवक फिर से सेना भर्ती रैली की दौड़ व अन्य प्रक्रिया में शामिल हो गए। बाद में सेना की इंटेलिजेंस विंग ने उनके कागजात को फर्जी बताकर बाहर का रास्ता दिखा दिया। यहां लोकल में पकड़े जाने के डर से उत्तर प्रदेश के युवकों का आचरण, आवासीय, मुखिया सहित अन्य प्रमाणपत्र बनवा दे रहे। ट्रेन से उतरते ही उनको थाम लिया जाता है। पहले तो फर्जी प्रमाणपत्रों का पैसा लिया है, उसके बाद चक्कर मैदान में भेजकर उनसे लाखों रुपये ऐठ लिए जाते हैं। जांच प्रक्रिया के दौरान जब उनके सभी प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाते हैं, तो बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। उसके बाद दलालों का फोन स्विच ऑफ हो जाता है। इस मामले में सेना अधिकारी पुलिस कार्रवाई की राह देखते रह जाते हैं, लेकिन पुलिस के पास सेना के अधिकारी या किसी की लिखित शिकायत नहीं आने पर कार्रवाई नहीं हो रही। इससे दलालों का हौसला बढ़ता जा रहा है। पिछले दिनों भी सेना भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने पहुंचे करीब 600 यूपी के युवकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हंगामा कर रहे चार युवकों को पुलिस के हवाले किया गया, लेकिन सेना के अधिकारी की ओर से कोई लिखित आवेदन नहीं आने पर उनसे पूछताछ कर छोड़ दिया गया।
सेना भर्ती रैली में मुजफ्फरपुर के 353 अभ्यर्थी पास
अत्यधिक कुहासे से चक्कर मैदान में मंगलवार को छठे दिन सेना भर्ती रैली फिर देरी से शुरू हुई। फील्ड में सुबह 10 बजे तक कुहासा छाया रहा। सेना अधिकारी भी तब तक हाथ बांधे बैठे रहे। 10 बजे के बाद मौसम साफ होने पर दौड़ आदि की प्रक्रिया शुरू की गई। मंगलवार को सेना भर्ती जनरल ड्यूटी ट्रेड के लिए मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी जिले के करीब 4000 युवकों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें 2712 अभ्यर्थी ही शामिल हुए। इस दौरान विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरते हुए 353 अभ्यर्थी पास हुए। बुधवार को दरभंगा व मधुबनी के 5000 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।