Maharajganj: कोहरे में सड़क दुर्घटना बहुत तेजी से होता है और उस एरिया में तो और जहां पर अचानक 45 से 60 अंश पर खास करके मोड़ हो वहां तो बिना संकेत के प्रतीक चिन्ह का पाया जाना दुर्घटना को दावत देने के बराबर है फरेंदा उत्तरी बाईपास पर बिना किसी प्रतीक चिन्ह के चल रहा यातायात सनौली से लेकर गोरखपुर पहुंचने में लोगों को दो जगह टोल टैक्स भी देना पड़ता हैं उसके बावजूद भी इस तरह की लापरवाही क्यो देखने को मिलती हैं कहने को एनएच 29 है पर वहां किसी तरह का सिग्नल या रेडियम लाइट नहीं लगाया गया है जिससे दुर्घटना को टाला जा सके एक तरीके से माना जाए तो वह एक अंधा मोड़ है दाएं से बाएं और बाएं से दाएं जाने वाले दिन के उजाले में एक्सीडेंट कर ही लेते हैं तो रात में और खास करके इस कोहरे में उनका क्या होगा जो आए दिन वहां पर एक्सीडेंट होता रहता है या गाड़िया पलटती रहती है जिससे बाद भी शासन प्रशासन मौन है । दुर्घटनाओं से बचना है तो जानिए यातायात के ये जरूरी नियम-
सड़क किनारे लगे हर विशेष प्रतीक चिन्ह का महत्व होता है, अगर लोग इन चिन्हों को समझ लें और इनका पालन करें तो काफी हद तक हादसे रोके जा सकते हैं।
सड़क दुर्घटनाओं से बचना है श, तो सड़क किनारे प्रतीक चिन्ह को जरूर ध्यान में रखे नही तो दुर्घटना हो सकती हैं क्योकि 64 प्रतिशत हादसे अत्यधिक तेज रफ्तार के कारण या असावधानी के कारण होते है सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट में दर्ज इन दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता हैं ।
