नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अयोध्या (Ayodhya) मसले पर शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े (Nirmohi Akhara) का दावा खारिज कर दिया है. इस मामले में कोर्ट ने दो पक्षों राम लला विजराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड की दलीलों पर फैसला सुनाया. कोर्ट ने 40 दिन की सुनवाई के दौरान भी निर्मोही अखाड़े से कहा था कि शबैत (उपासक) का दावा कभी देवता के प्रतिकूल नहीं हो सकता. कोर्ट ने यह टिप्पणी निर्मोही अखाड़ा के उस दावे पर की थी जिसमें कहा गया था कि ‘राम लला’ का मुकदमा खारिज किया जाए और अयोध्या में विवादित भूमि उसे दी जाए क्योंकि वह राम लला का एकमात्र उपासक यानी ‘शबैत’ है.
मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि यदि अखाड़ा ‘राम लला विराजमान’ के मुकदमे को लड़ रहा है तो वह राम लला के स्वामित्व के खिलाफ जा रहा है. वो अदालत से देवता के मुकदमे को खारिज करने के लिए कह रहा है. निर्मोही अखाड़ा ने दावा किया था कि विवादित स्थल पर वह राम लला का एकमात्र ‘शबैत’ (राम लला के भक्त) है, जिस पर कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा है तो अखाड़ा 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर स्वामित्व नहीं रख सकता.