आम बजट में गोरखपुर के लिए भी कुछ होगा ?
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही गोरखपुर की स्थिति हर मामले में लगातार बेहतर होती जा रही है। जिले के चारो ओर चौड़ी सड़कों का जाल बिछ चुका है। हवाई यातायात भी उलब्ध है। बाजार लगातार बढ़ता जा रहा है। ग्रेटर गोरखपुर की कल्पना साकार हो रही है। जमीन की कोई कमी नहीं है। ऐसे में उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल मिल रहा है।
यहां कपड़े का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। पावरलूमों की संख्या अच्छी खासी है। यहां तैयार कपड़े को विदेश में भी पसंद किया जा रहा है, ऐसे में क्या हमें इस बार भी अपने दसको पुराने सपने “टेक्सटाइल पार्क” को साकार होते देखने को मिलेगा या नही।
ये सिर्फ सिर्फ “गोरखपुर टेक्सटाइल पार्क” नहीं बल्कि आस पास के लाखों लोगों के लिए रोजगार का बहुत बड़ा स्रोत होगा। निवेदन है कि वित्तमंत्री जी इसे सिर्फ टेक्सटाइल पार्क नही बल्कि पूर्वांचल के नौजवानों के भविष्य को देखें।
गोरखपुर चारो तरफ से लगभग किसानों से घिरा हुआ है, और किसानी रग रग में बसी हुई है। फ़ूड पार्क की स्थापना यहां किसानों को जैसे जिंदा कर देगी। पुश्तैनी जमीनों का अंबार पड़ा हुआ है लोगो के पास लेकिन मौका नही मिल रहा और धीरे धीरे लोग किसानी छोड़ रहे है। वैसे भी पूर्वांचल में पैसे कमाने के मौके बहुत कम है और अगर इस पुश्तैनी उपहार को भी नष्ट कर दिया गया तो स्थियी और चरमरा जाएगी। लोकल इकॉनमी को उभारने का ये बढ़िया मौका और समय है। लोगो को वही करने दिया जाय जो वो करना जानते है, बस उसे अपग्रेड करने में सरकार सहायक हो जाय।
